Sunday 28 November, 2010

गार्डनिंग टिप्स

औषधीय पोधो का चुनाव - 



यदि आपके गार्डन में जगह है तो लॉन जरुर रखें | जिससे आपको ताजगी महसूस होगी | इसके आलावा आप ऐसे पौधे भी लगा सकते है जों आपके लिए फायदेमंद हो जैसे तुलसी, नीम, एलोवेरा आदि | इन दिनों अच्छे और खुशबू वाले पौधे लगाना ही अच्छा रहेगा | बादाम के पौधे भी आप लगा सकते है क्योंकि इनकी जड़े काम फैलती है और पत्तियां चारो तरफ फैली हुई रहती है , जिससे आपको ये काफी छाव दे सकता है | कुछ अच्छे फल भी लगा सकते है, जों आपको फल देते है, जों सर्दी के मौसम में खास पसंद किये जाते है | आप बेल भी लगा सकते है, जों आपके घर में चार चाँद लगा देता है |     


दीपक 

Saturday 27 November, 2010

गार्डनिंग टिप्स




देख रेख है आवश्यक - 

इस मौसम में अगर आप सही तरीका नहीं अपनाएं तो आपके पौधों को नुकसान पहुँच सकता है | इसलिए पौधों को धूप भी दिखानी चाहिए, अगर उनको धूप नहीं मिल रही है तो | आपके पौधों को पर्याप्त मात्रा में खाद भी देनी चाहिए | ऐसी गार्डनिंग होनी चाहिए कि आपके साथ आपके पड़ोसियों को भी आपका गार्डन अच्छा लगे | 

शो करने के लिए भी इस्तेमाल करे -

आजकल पौधे लोगो के घर के बाहर नहीं बल्कि घर के अन्दर भी होता है | इसे आप शो केस कि तरह गैलरी   में, चढाव में या दीवार पर टांग कर अच्छी जगह रख सकते है | इससे हरियाली तो रहती है साथ ही पोज़िटिव  एनर्जी का संचार होता है | 


दीपक  

Friday 26 November, 2010

गार्डनिंग टिप्स


रखे अपने गार्डन का ख्याल -

सर्दी में पोधा रोपण और गार्डनिंग बहुत अच्छा माना जाता है | यदि आप अपने गार्डन में कोई बदलाव लाना चाहते है तो ये बहुत अच्छा मौसम है | सीजन के अनुरूप पौधों का चुनाव आपके गार्डन में चार चाँद लगा देता है | जब कभी आप पौधे ख़रीदे  तो इस बात का ख्याल रखे कि मौसम के अनुसार ही पौधे खरीदना चाहिए |

ऐसे बदलाव भी कर सकते है -

कुछ पौधे बहुत जल्दी बढते है वो थोड़े नाजुक होते है तो कुछ पौधे कुछ बहुत धीमी गति से बढते है उनका तना उतना मजबूत होता है | गार्डन में नया लुक देने  के लिए आप दोनों प्रकार के पौधे लगा सकते है ताकि आपको तो दिखने में अच्छा लगे ही  साथ ही दूसरे लोगो भी आपके गार्डन को देख कर आपकी तारीफ करें | 


दीपक   

Wednesday 24 November, 2010

अजब गजब

पिछले लेख का शेष भाग..........................................


३८ वर्षीय कार्डन कहती है हलाकि उनकी डिलीवरी में 4 सप्ताह बाकी थे, लेकिन समुद्र की तूफानी लहरों के कारण शायद उन्हें दर्द होने लगा होगा | बच्चे के पिता जैरी का कहना है ऐसी स्थिति देख कर वह बहुत डर गया था, पर उसकी पत्नी ने बहुत हिम्मत से काम लिया | उन्हें ऐसा लगा कि जैसे उनको हार्ट अटैक होने वाला है, पर ये कार्डन कि दूसरी डिलीवरी थी और इसी कारण उसने हिम्मत नहीं खोयी और साथ ही जैरी की भी हिम्मत बढाती रही | जैरी के मुताबिक प्री मेंच्योर बेबी होने के कारण कार्डन का सही सलामत रहना बहुत मुश्किल दिख रहा था | ऐसी स्थिति में भी जैरी ने नाव चलाना नहीं छोड़ा था और डिलीवरी      के समय वे लोग तट पर आ गए थे | जहाँ से वे बच्चे को अस्पताल ले गए | माता पिता दोनों का मानना है कि ये दिन वे कभी नहीं भुलेगे | वे खुद को बहुत भाग्यशाली समझते है कि आज वे और उनका बच्चा सही सलामत है |  
  

दीपक       

Monday 22 November, 2010

अजब गजब

क्या अपने किसी बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट पर बर्थ प्लेस में "सी अकरेंस" (समुद्र में हुआ)  लिखा हो सकता है ??? नहीं ना पर ये संभव हुआ है | आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बियरिंग लिंविले नाम के इस बच्चे का जन्म समुद्र पर हुआ है | बियरिंग के माता पिता फ्लोरिडा से "की वेस्ट" की यात्रा नाव पर कर रहे थे | इसी दौरान समुद्र में तूफान की लहरें उठी और पेट्रीसिया कारडन     को लेबर पेन चालू हुआ | आश्चर्य की बात है की दूर दूर तक कोई सुविधा नहीं होने के बावजूद उन्होंने बच्चे को जन्म दिया, जो अब सही सलामत है | 

आगे और भी है..................................................

दीपक      

Sunday 21 November, 2010

अजब गजब

पिछले लेख का आगे का भाग.....................................................

पम्प को प्लग से पॉवर मिलेगी, जो मरीज के बाएं कान के पीछे लगा हुआ होगा | इसके चार्ज होने के लिए बैटरी होगी जो मरीज के बेल्ट पे लगी होगी, जिससे यह रात को चार्ज हो सकेगा | डॉक्टर के अनुसार ये तकनीक तीन बार व्यस्को में हो चुकी है, लेकिन  पहली बार ये 15 साल के बच्चे में हुई है | डॉक्टर के मुताबिक मरीज सामान्य स्थिति में है | अभी उसे दो हफ्ते तक डॉक्टर अपनी निगरानी में रखेंगे | उसके बाद ही उसकी छुट्टी संभव हो सकेगी | 



दीपक 

Saturday 20 November, 2010

अजब गजब

पिछले लेख का आगे का भाग.....................................................

ऑपरेशन के एक समय तो ये मौत के कगार पर जा चुका था | ये ऑपरेशन "बेम्बिंग गेसू चिल्ड्रन्स हास्पिटल" नाम के हॉस्पिटल में हुआ | इस ऑपरेशन को डॉक्टर एंटोनियो एमोडियो ने किया | डॉक्टर के मुताबिक यह कृत्रिम दिल 2.5 इंच लम्बा है, जिसे लेफ्ट वेंट्रिकल में लगाया गया है | उनके अनुसार ये इलेकट्रीकली   एक्टिवेटेड हाईड्रोलिक पम्प है, जिसे मरीज के सीने में इस तरह लगाया गया है जिससे इन्फेक्शन ना फैल 
सके | 

आगे और भी है................................................


दीपक 

Thursday 18 November, 2010

अजब गजब

कृत्रिम दिल - 







क्या अपने इसके बारे में कभी सुना है ????? नहीं ना | तो आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि ऐसा हुआ है | करीब महीने भर पहले एक 15 वर्षीया लड़के का दिल बदल कर कृत्रिम दिल लगाया गया है | इस लड़के का 10 घंटे चले मुश्किल भरे ऑपरेशन के बाद उसे ये दिल लगाया गया | ये किसी अवयस्क का पहला ऑपरेशन है | वह हमेशा इसी दिल के साथ जिंदगी जी सकेगा | डाक्टरों के अनुसार वह कम से कम २५ साल तक सामान्य जीवन जी सकेगा | 


आगे और भी है........................................................


दीपक    

Wednesday 17 November, 2010

अजब गजब




मोरे है कि कुछ और - मोर खूबसूरती और कोमलता का प्रतिक माना जाता है | आपको ये जानकर आश्चर्य 

होगा इंग्लैंड में एक ऐसा भी मोर है जिसकी आवाज़ काफी कर्कश है | स्थानीय लोग उससे बहुत परेशान है | 

वह गार्डेन के पौधों को बहुत नुकसान पंहुचा चुका है | इसके अलावा ये लोगो पर हमला कर उन्हें घायल कर 

चुका है | उसकी इन्ही हरकतों कि वजह से आगामी सर्दी के दिनों में उसे इस जगह से हटा कर दूसरी जगह ले 

जाया जायेगा | 


दीपक 

Tuesday 16 November, 2010

बकरीद पर विशेष


आज बकरीद है | मेरी ओर से हमारे मुसल्मान भाई बंधू को त्यौहार कि बहुत बहुत बधाई............    



ईद-उल जुहा जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, महानगर के मुस्लिम बहुल क्षेत्र के बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है। बाजारों में ईद की खरीदारी के लिए सुबह से शाम तक खरीदारों की भीड़ लगी रहती है। यहां पर खरीदार बकरे, नए कपड़े, खजूर और सेवई खरीद रहे हैं।
शुक्रवार यानी जुम्मे के दिन बकरीद होने पर अब इसका महत्व ज्यादा बढ़ गया है। बकरीद पर इन दिनों बाजार भी गर्म हो गया है। महानगर के गोल मार्केट, कैला भट्टा, इस्लाम नगर, घंटाघर, तुराब नगर मार्केट आदि में मुस्लिम महिलाएं और बच्चे नए कपड़े खरीद रहे हैं। ठंड की वजह से बाजार में भी नई डिजाइन के कपड़े बिक रहे हैं। बच्चे और युवा वर्ग रैक्सीन और लेदर के जैकेट से लेकर फैदर के स्वैटर को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। वहीं महिलाएं और युवतियां अपने पसंद के कपड़े खरीद रही हैं।
बकरीद पर कुर्बानी के लिए बकरे का बाजार भी तेज हो गया है। बकरे का कारोबार करने वाले व्यापारी मोहम्मद गुलफाम ने बताया कि महानगर में बकरीद पर कुर्बानी के लिए बकरे अजमेर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, खुर्जा, मेरठ आदि स्थानों से लाए जाते हैं। इन बकरों की कीमत उनके वजन और रूप रंग के आधार पर तय होती है। वैसे इन दिनों बाजार में बकरे की कीमत अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा हो गई है। छोटे बकरे की कीमत 3 से 5 हजार के बीच है। जबकि बड़े बकरे जिनका वजन औसतन ज्यादा है, की कीमत 6 से 20 से 25 हजार के बीच है।
बकरीद पर कारोबार चमक जाता है। औसतन प्रतिदिन अकेले कैला भट्टे में ही 2 से 3 लाख रुपये का कारोबार हो रहा है। जबकि अन्य दिनों में काफी कम होता था। बकरीद पर कुर्बानी देना शबाब का काम माना जाता है। इसलिए हर कोई उस दिन कुर्बानी देता है।

दीपक

अजब-गजब

पिछले लेख का शेष भाग.......................




क्या है ये सुविधा - यह सुविधा है जन्म के बाद नवजात शिशु कि पहली तस्वीर इन्टरनेट पर देखना | इससे 
शिशु के परिवार वाले, मित्र तथा अन्य सभी लोग जिनको उनके माता पिता दिखाना चाहते है, दिखा सकते है | ये तकनीक look@mybaby के नाम से जानी जाती है | इसमें बच्चे के पलना में एक वेबकैम लगा होता है, जो आइपोड के साइज़ का होता है | इसकी सहायता से उतारी जा रही वीडियो क्लिप को इन्टरनेट पर उतारा जाता 
है | हर शिशु का एक अलग पन्ना होता है जिसका लिंक उसके माता पिता को दिया जाता है | शिशु के माता पिता उस लिंक को ईमेल के जरिये या फसबूक आदि पर उतार सकते है और फिर जिसको चाहे फॉरवर्ड कर सकते है |

दीपक

Sunday 14 November, 2010

अजब-गजब






बच्चो को ऑनलाइन देखे - ऑस्ट्रेलिया में बच्चे जन्म के बाद तुरंत ऑनलाइन हो जाते है | ऑस्ट्रेलिया के एक अस्पताल में शुरू कि गई ये योजना बहुत सफल रही और आज ये सुविधा सिंगापुर, थाईलैंड, और अन्य देशो में चालू हो चुकी है |

इसके फायदे - शिशु के रिश्तेदार उसके जन्म के तुरंत बाद तस्वीरे देख पाते है | युद्ध क्षेत्र या ट्रेनिंग कैम्पों में रह रहे जवान अपने शिशु कि तस्वीर देख पाते है | 

आगे और भी है........................................................ 


दीपक 

बाल दिवस पर लेख

आज हमारे चाचा नेहरु जी का जन्म दिन होता है जिसे हम सभी बाल दिवस के रूप में मानते है | ये है वह बच्चे जिन पर सभी 
को गर्व होना चाहिए | 

सलोनी डैनी

इनको अपने कई टीवी सीरियल में देखा ही होगा | सलोनी ने कई सीरियलों, रियलिटी शोज, फिल्मों में काम किया है | ये पढाई   में भी उतनी ही तेज़ है | फ़िलहाल वो दूसरी क्लास में है और 95 % से पास हुई है | वे सिर्फ शनिवार व रविवार को ही शोज करती है बाकी दिन वह स्कूल जाती है | भले ही वह छोटे परदे कि स्टार हो लेकिन उनका रुतबा बड़े स्टार से कम नहीं है | बाल कलाकारों में सलोनी सबसे आगे है | इनका जन्म 19 जून 2001 को पुणे में हुआ था | "कॉमेडी सर्कस" में तो उन्होंने बड़े कलाकारों को भी अचरज में डाल दिया था | आज उनको घर -2 में पहचाना जाता है | "छोटे मियां" में वो सबसे छोटी उम्र कि प्रतियोगी थी और बाद में उन्होंने ये प्रतियोगिता भी जीती थी | उन्होंने दो मराठी फिल्मो के अलावा "नो प्रॉब्लम" में अनिल कपूर और सुमिता सेन कि बेटी का रोल भी किया है | उनके पिता ने सलोनी के अभिनय को सपोर्ट किया पर उसे निखारा उनके गाईड संतोष गुप्ता ने | उनका यादगार अभिनय "गंगू बाई" का था जो कि बहुत प्रसिद्ध हुआ था | लोग आज भी उन्हें उसी नाम से संबोधित करते है |   


दीपक  

Saturday 13 November, 2010

जीना इसी का नाम है..................................

सुनिए ये गाना और फिर नीचे कि कहानी पढिये.......................................


पिछले साल देवास में दिवाली के चार दिन पहले जघन्य तिहरे हत्या कांड हुआ था | उस दिन वे लोग खरीददारी कर के बाज़ार से घर लौटे थे और फिर दुकान चले गए थे | उनके पुराने किरायेदार दंपत्ति कि मदद से रिक्शा चालक और अन्य ने राजेश जयसवाल कि पत्नी अंजू, बेटी ऋषिका, बेटे दिव्यांशु कि हत्या कर दी थी | उस घटना के बाद से एक दिन भी ऐसा नहीं था कि राजेश जी ने अपने परिवार को याद नहीं किया हो | उनके कातिल आज जेल में है पर उससे उनका परिवार उन्हें मिलेगा तो नहीं ना......................

क्या करे जीना इसी का नाम है............................................


दीपक 

   

Saturday 6 November, 2010

भाई दूज पर विशेष

आज दिवाली का पांचवा दिन है | 
इसे सभी लोग भाईदूज के नाम से जानते है और मानते है |
आप सभी को मेरी ओर से भाईदूज की बहुत शुभकामनाएं  


भाई दूज (भातृद्वितीया ) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाए जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। भाईदूज में हर बहन रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं। भाई अपनी बहन को कुछ उपहार या दक्षिणा देता है। भाईदूज दिवाली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं। इस त्योहार के पीछे एक किंवदंती यह है कि यम देवता ने अपनी बहन यमी (यमुना) को इसी दिन दर्शन दिया था, जो बहुत समय से उससे मिलने के लिए व्याकुल थी। अपने घर में भाई यम के आगमन पर यमुना ने प्रफुल्लित मन से उसकी आवभगत की। यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन यदि भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेंगे तो उनकी मुक्ति हो जाएगी। इसी कारण इस दिन यमुना नदी में भाई-बहन के एक साथ स्नान करने का बड़ा महत्व है। इसके अलावा यमी ने अपने भाई से यह भी वचन लिया कि जिस प्रकार आज के दिन उसका भाई यम उसके घर आया है, हर भाई अपनी बहन के घर जाए। तभी से भाईदूज मनाने की प्रथा चली आ रही है। जिनकी बहनें दूर रहती हैं, वे भाई अपनी बहनों से मिलने भाईदूज पर अवश्य जाते हैं और उनसे टीका कराकर उपहार आदि देते हैं। बहनें पीढियों पर चावल के घोल से चौक बनाती हैं। इस चौक पर भाई को बैठा कर बहनें उनके हाथों की पूजा करती हैं।



दीपक 

गोवर्धन पूजा पर विशेष

आज गोवर्धन पूजा है | 
इस दिन गोवर्धन भगवान (श्री कृष्ण) की पूजा की जाती है |
आप सभी को मेरी ओर से बहुत बहुत बधाई 


गोवर्धन पूजा -


पूजा की तैयारी के लिए -

- गोबर या मिट्टी
- 2 गन्ना लाठी
- दही, कच्चा दूध, बताशा लड्डू, और पेडा 
- रोल, चावल
- क्ले दीपक और माचिस
- एक रूपये के लिए कुछ दक्षिणा के लिए चांदी का सिक्का

प्रदर्शन कर पूजा की विधि -

- 2 देकर गोवार्धंजी की पूजा प्रारंभ गन्ने की चिपक जाता है.
- दही, कच्चा दूध, बताशा लड्डू और पेडा की पेशकश की.
- दीपक जलाया जाता है. पूजा रोली और चावल के साथ किया है
- पूजा करने के बाद, गोवार्धंजी चारों ओर चार परिक्रमा करना
- कुछ बताशा थाली में छोड़ दिया है. यह बाद में पुजारी जी को दिया जाता है  
- लक्ष्मीजी की कथा पढ़ने के लिए है.
- पुजारी, जो कथा पढ़ता है एक रजत या दक्षिणा के रूप में सिक्का पैसा दिया जाता है.
- पूजा के बाद दीपावली पूजा का काजल लगाया जाता है.
- घर की महिलाओं को पहली बार मीठा चावल है कि एक तरफ पर स्थापित किया गया था खाना
- दीपावली और उसके बाद ही उस दिन पकाया भोजन हिस्सा लेना.

श्री लक्ष्मीजी की कथा -

वहाँ एक साहूकार बेटी जो पीपल वृक्ष रोज पानी इस्तेमाल किया गया था. लक्ष्मीजी उपयोग के लिए पेड़ से दिखाई देते हैं और लड़की को पूछने के लिए उसके दोस्त बन जाएगा. एक दिन लड़की लक्ष्मीजी बताया कि वह अपने पिता की अनुमति लेनी होगी. पिता अपनी बेटी को सलाह दी है लक्ष्मीजी दोस्त बन के रूप में वह था देवी . अगले दिन जब पूछा लक्ष्मीजी लड़की फिर उसके दोस्त वह सहमत हो गए और दोनों दोस्त बन बनने के लिए. लक्ष्मीजी एक भोजन के लिए उसके घर पर लड़की को आमंत्रित किया. उसके पिता की अनुमति मिलने के बाद, वह है लक्ष्मीजी घर गई थी. वहां वह एक सुनहरा चौकी पर बैठ कर दिया गया था और सोने के बने जहाजों में एक शानदार भोजन की सेवा की. लक्ष्मीजी उसे एक शाल, सोने के सिक्कों और आभूषणों के साथ भेंट की. के रूप में वह था उसके घर के लिए छोड़ रहा है, लक्ष्मीजी उसके पल्लू से पकड़ लिया और उसके घर के लिए आमंत्रित किया पूछा.जब लड़की घर लौट आए, साहूकार पाया उसे उदास लग रही है और उसके कारण के लिए कहा. बेटी अपने दुविधा समझाया कह लक्ष्मीजी को उनके घर में आना चाहती थी. वह दुखी था क्योंकि वे भव्य लक्ष्मीजी द्वारा दिए आतिथ्य विनिमय करने में असमर्थ होगा. पिता ने उसे कहा कि चिंता मत और कहा कि वे लक्ष्मीजी वे जो कुछ भी था की पेशकश करेगा. साहूकार तो बैठ वहाँ है लक्ष्मीजी  नाम जप ने घर, जगह एक यह अगले और लड्डू  के एक कोने में गाय के गोबर के साथ फर्श, प्रकाश एक चिराग धब्बा बेटी से पूछा. के रूप में वह जप किया गया था, एक ईगल रानी से संबंधित और देख लड्डू  हार गिरा दिया और वहाँ लड्डू  ले लिया पर एक महंगा हीरे का हार लाया. बेटी हार बेच दिया है और उस पैसे के साथ, एक सोने की चौकी, सोने के बर्तन, सोने के सिक्के, शॉल और शानदार भोजन तैयार खरीदा. बेटी खाने के लिए लक्ष्मीजी  आमंत्रित किया. बेटी सोना चौकी रखा और लक्ष्मीजी  का अनुरोध करने के लिए नीचे बैठते हैं. लक्ष्मीजी  समझा है कि राजा की महल में भी वह रूप में वह इस कदम पर दुनिया के अच्छे के लिए हर समय हो गया है नहीं बैठते थे मना कर दिया. लड़की का कहना है कि लक्ष्मीजी  कहा कि वह उसके परिवार को साबित करना है कि लक्ष्मीजी  उसका दोस्त था चाहता था बैठना चाहिए. लक्ष्मीजी उसके अनुरोध करने के लिए सहमत हो गए और बैठ गए. लड़की उसके प्रेम और भक्ति के साथ बहुत सेवा की.लक्ष्मीजी  बहुत खुश था और महान धन के साथ लड़की प्रस्तुत किया. कुछ समय बाद लड़की लक्ष्मीजी  बताया कि वह बाहर जाने के लिए था और अनुरोध किया है कि लक्ष्मीजी  इंतजार करना चाहिए जब तक वह लौट आए. बेटी वापस नहीं आया था और लक्ष्मीजी  को अपने पिता के घर में उसके लिए इंतजार करना जारी रखा. एक परिणाम के रूप में, है साहूकार घर हमेशा धन और लक्ष्मीजी  आशीर्वाद से भर गया. लक्ष्मीजी,  जैसा कि आप धन के साथ है साहूकार की बेटी को आशीर्वाद दिया और उसके घर में बैठे तो भी कथा श्रोता, और उनके परिवारों के साथ कथा का अनुयायियों के बयान भला करे. बिन्दायाक्जी / गणेशजी की कथा के बाद एक त्योहार कथा पढ़ता है पढ़ा है. चावल के कुछ दाने हाथ में रखा जाता है जबकि कथा को सुन, कथा के पूरा होने के बाद, चावल अनाज कलश का पानी, पूजा के लिए रखा में छोड़ दिया जाता है.


दीपक

Friday 5 November, 2010

दिवाली पर लेख


आज दिवाली है और ये त्यौहार बहुत महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक होता है |
आप सभी को मेरी ओर से दिवाली की बहुत बहुत बधाई 
दीप जलाने की प्रथा के पीछे अलग-अलग कारण या कहानियाँ हैं। राम भक्तों के अनुसार दीवाली वाले दिन अयोध्या के राजा राम लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। उनके लौटने कि खुशी मे आज भी लोग यह पर्व मनाते है। कृष्ण भक्तिधारा के लोगों का मत है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था। इस नृशंस राक्षस के वध से जनता में अपार हर्ष फैल गया और प्रसन्नता से भरे लोगों ने घी के दीए जलाए। एक पौराणिक कथा के अनुसार विंष्णु ने नरसिंह रुप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था तथा इसी दिन समुद्रमंथन के पश्चात लक्ष्मी व धन्वंतरि प्रकट हुए। जैन मतावलंबियों के अनुसार चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी दीपावली को ही है। सिक्खों के लिए भी दीवाली महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में १५७७ में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। और इसके अलावा १६१९ में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। नेपालियों के लिए यह त्योहार इसलिए महान है क्योंकि इस दिन से नेपाल संवत में नया वर्ष शुरू होता है।
पंजाब में जन्मे स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुआ। इन्होंने दीपावली के दिन गंगातट पर स्नान करते समय 'ओम' कहते हुए समाधि ले ली। महर्षि दयानन्द ने भारतीय संस्कृति के महान जननायक बनकर दीपावली के दिन अजमेर के निकट अवसान लिया। इन्होंने आर्य समाज की स्थापना की। दीन-ए-इलाही के प्रवर्तक मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में दौलतखाने के सामने ४० गज ऊँचे बाँस पर एक बड़ा आकाशदीप दीपावली के दिन लटकाया जाता था। बादशाह जहाँगीर भी दीपावली धूमधाम से मनाते थे। मुगल वंश के अंतिम सम्राट बहादुर शाह जफर दीपावली को त्योहार के रूप में मनाते थे और इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में वे भाग लेते थे। शाह आलम द्वितीय के समय में समूचे शाही महल को दीपों से सजाया जाता था एवं लालकिले में आयोजित कार्यक्रमों में हिन्दू-मुसलमान दोनों भाग लेते थे।


दीपक 

Thursday 4 November, 2010

नरक चतुर्दशी पर विशेष........................................

आज दिवाली का दूसरा दिन है, 
जिसे नरक चतुर्दशी के रूप में जाना व मनाया जाता है..................
आप सभी को नरक चतुर्दशी की ढेरों शुभकामनाएं.........................



भय से मुक्ति -
स्नान के बाद हनुमानजी के दर्शन से शौर्य में वृद्धि होती है। आटे से चौमुखा दीपक बनाकर घर की दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। इससे यम व पितर खुश होते हैं। इस दिन पूजन से यमराज और नरक के भय से मुक्ति मिलती है। 

दीपदान के साथ यमपूजन -
नरक चतुर्दशी पर यम की पूजा करने से सालभर के सारे पाप दूर हो जाते हैं। इस दिन दीप दान करने का विशेष  महत्व है। यह तिथि 4 नवम्बर को पड़ रही है। पं. यदुवंशमणि त्रिपाठी के अनुसार नरक चतुर्दशी पर कम से कम एक दीप और अधिक से अधिक 14 दीप जलाकर मय की पूजा की जाती है। इस दिन यम पूजा करने से यम पीड़ा नहीं होती है। यम 14 होते है इसी कारण इस दिन चौदह दीये जलाए जाते हैं। दीप घर के दक्षिणी भाग में जलाना फलदायी होता है। इस दिन मंदिर के गर्भ गृह में रसोईघर, स्नान घर, द्वार पर, देव वृक्षों के नीचे, गौशाला आदि स्थानों पर दीप दान करना चाहिए। इससे भगवान यम प्रसन्न होते हैं।



दीपक

Wednesday 3 November, 2010

धनतेरस पर लेख


धनतेरस -
जिस प्रकार देवी लक्ष्मी सागर मंथन से उत्पन्न हुई थी उसी प्रकार भगवान धनवन्तरि भी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। देवी लक्ष्मी हालांकि की धन देवी हैं परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आपको स्वस्थ्य और लम्बी आयु भी चाहिए यही कारण है दीपावली दो दिन पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हें।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है । धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरी चुकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है। इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं। दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं।

प्रथा -
धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है। जिसके पास संतोष है वह स्वस्थ है सुखी है और वही सबसे धनवान है। भगवान धन्वन्तरी जो चिकित्सा के देवता भी हैं उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना के लिए संतोष रूपी धन से बड़ा कोई धन नहीं है। लोग इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हें।

आप सभी को धनतेरस की बहुत बहुत बधाई 

दीपक 

अजब-गजब

Trunz-Water-Systems-1.jpg






क्या आप नाली का पानी इस्तेमाल में ला सकते है ???????????????..........................नहीं ना...................पर ये संभव किया है ओस्लो के canstetin bainsiyan, relf bertrem, और exelsender denilek ने | इन्होने मशरूम आकार का 'सोलर इवेपोरेटर' तैयार किया है, जिसकी मदद से सीवेज के पानी को साफ किया जा सकेगा | ये छाते की आकृति का है और ये सौर वाष्पीकरण की मदद से सीवेज के काले पानी को साफ कर देगा | इस पानी से आस पास के पेड पौधों को सींचा जायेगा | इससे यह बेकार पानी भी काम में आ जायेगा और और शहरों में हरियाली भी बरक़रार रहेगी | 


आगे और भी है....................................................................


दीपक