Thursday, 4 November 2010

नरक चतुर्दशी पर विशेष........................................

आज दिवाली का दूसरा दिन है, 
जिसे नरक चतुर्दशी के रूप में जाना व मनाया जाता है..................
आप सभी को नरक चतुर्दशी की ढेरों शुभकामनाएं.........................



भय से मुक्ति -
स्नान के बाद हनुमानजी के दर्शन से शौर्य में वृद्धि होती है। आटे से चौमुखा दीपक बनाकर घर की दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। इससे यम व पितर खुश होते हैं। इस दिन पूजन से यमराज और नरक के भय से मुक्ति मिलती है। 

दीपदान के साथ यमपूजन -
नरक चतुर्दशी पर यम की पूजा करने से सालभर के सारे पाप दूर हो जाते हैं। इस दिन दीप दान करने का विशेष  महत्व है। यह तिथि 4 नवम्बर को पड़ रही है। पं. यदुवंशमणि त्रिपाठी के अनुसार नरक चतुर्दशी पर कम से कम एक दीप और अधिक से अधिक 14 दीप जलाकर मय की पूजा की जाती है। इस दिन यम पूजा करने से यम पीड़ा नहीं होती है। यम 14 होते है इसी कारण इस दिन चौदह दीये जलाए जाते हैं। दीप घर के दक्षिणी भाग में जलाना फलदायी होता है। इस दिन मंदिर के गर्भ गृह में रसोईघर, स्नान घर, द्वार पर, देव वृक्षों के नीचे, गौशाला आदि स्थानों पर दीप दान करना चाहिए। इससे भगवान यम प्रसन्न होते हैं।



दीपक

1 comment:

Randhir Singh Suman said...

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये