Thursday 23 September, 2010

गणेश विसर्जन पर विशेष


भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को लौकिक परंपराओं में भगवान गणेश के विसर्जन यानि जल के देवता भगवान गणेश की मूर्तियों को जल में ही विसर्जित कर दिया जाता है।भगवान गणेश से सुख-शांति के आशीर्वाद की कामना से गणेश मूर्ति को विदा जरुर कर दिया जाता है, पर उनका सदा स्मरण व्यावहारिक जीवन के हर मुश्किल समय को सुख में बदल देता है। इसलिए भगवान विघ्रहर्ता के रुप में भी पूजे जाते हैं। जानते हैं कि किन परेशानियों और कष्टों में भगवान गणेश का जरुर ध्यान करें -


-परिवार में सुख-समृद्धि के लिए। कमाई अधिक हो, किंतु खर्चे उससे भी ज्यादा होने से धन की कमी बनी रहती हो।


-जब पुत्र या पुत्री का गलत संगति से आचरण और चरित्र बिगड़ता दिखाई दे रहा हो।


-अगर आपके पुत्र या पुत्री पढ़ाई कर रहे हों, खासतौर पर उच्च शिक्षा पा रहे हों,पर कहीं न कहीं आपको लग रहा हो कि उनकी रुचि पढ़ाई में नहीं है या फिर किसी कारण से पढ़ाई में बार-बार परेशानी आ रही हो।


-लोन यानि ऋण से छुटकारा पाने के लिए।


-आप किसी क्षेत्र में अपनी योग्यता बढ़ाकर एक्सपर्ट बनना चाहते हो। यानि कार्य कुशलता और बुद्धि कौशल बढ़ाने के लिए।


-जॉब में कड़ी मेहनत का परिणाम अच्छा नहीं मिल रहा हो।


-स्मरण शक्ति कम हो रही हो।


-बिजनेस में अधिक लाभ और व्यापार को बढ़ाना चाहते हों।


-अपने स्वभाव को मधुर बनाने के लिए। गुस्सैल स्वभाव को काबू में करने के लिए।

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