Thursday 30 September, 2010

अयोध्या मामले पर टिप्पणी

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों से अयोध्या मामले में फैसला आने पर संयम बरतने का निर्देश दिया है। संघ के आला सूत्रों ने बताया कि सरसंघचालक ने साफ संदेश दिया है कि फैसला चाहे राम मंदिर के हक में हो या न हो, स्वयंसेवक की प्रतिक्रिया संतुलित व शांत होनी चाहिए। गुरुवार को फैसला आने के बाद मोहन भागवत खुद मीडिया से रू-ब-रू होंगे। 

15-17 सितंबर को संघ नेतृत्व की बैठक में यह तय कर लिया गया था कि संघ, भाजपा, विहिप नेताओं में तालमेल बनाए रखने के लिए फैसले पर पहले सरसंघचालक अपना रुख साफ करेंगे। इसके बाद ही दूसरे संगठन बयान देंगे। 

दिग्विजय के बयानों से भड़की भाजपा -
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयानों से चिढ़कर भाजपा ने बुधवार को पलटवार किया। प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि एक तरफ सरकार बार-बार शांति की अपील कर रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह अनर्गल बयान देकर तनाव पैदा कर रहे हैं।

उधर, दिग्विजय सिंह ने दोहराया कि उन्हें भाजपा, संघ और विश्व हिंदू परिषद पर कोई भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को हाई कोर्ट के फैसले के बाद इन संगठनों ने अपने रुख में बदलाव दिखाया तो वे अपने बयान पर पुनर्विचार करेंगे।


भाजपा ने की शांति की अपील -
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने अयोध्या पर फैसले से एक दिन पहले साफ किया है कि पार्टी अदालत के निर्णय का हमेशा आदर करती है और देश में अमन-चैन चाहती है। उन्होंने अपील की है कि देशवासी गुरुवार को अयोध्या मसले पर फैसले को धीरज से सुनें और संयम रखें। उन्होंने उम्मीद जताई कि फैसला देश को मजबूत करेगा और इसीलिए भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अपने प्रदेशों में शांति की अपील जारी की है। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने भाजपा-शासित कर्नाटक, मध्य प्रदेश व गुजरात को अति संवेदनशील करार दिया है।


टिप्पणी - मैं भी सभी लोगो से शांति कि अपील करता हूँ | बिना वजह दंगा फसाद करने से कोई फायदा नहीं है | बिना वजह लोगो कि जान चली जाती है | हम सभी एक है और एक रहेंगे जय हिंद..........................................


दीपक    

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