Wednesday 20 October, 2010

फैशन टिप्स

पिछले भाग का शेष.......................................................













लम्बे कार्डिगन को लेंगिक्स या काला स्टाकिंग्स के साथ पहना जा सकता है | इसके अलावा जींस भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है |   





अन्य फैशन टिप्स - दिल्ली में भी नाइटलाइफ का कल्चर बढ़ रहा है। यही वजह है कि फैशन की दुनिया भी इसमें अहम भूमिका निभा रही है। युवाओं को नाइटलाइफ इतनी भा रही है कि फैशन डिजाइनर भी इसे अपनी थीम में शामिल करने पर मजबूर हो गए हैं। हाल ही में होटल अशोक के एफ-बार एंड लाउंज में कुछ नए डिजाइनरों ने अपनी कलेक्शन उतारी। दीपक सिंह, गुरविंदर अरोड़ा, प्रज्ञा सेमोर और वाणी ग्रोवर सभी की कलेक्शन अपने आपमें बेहतरीन थीं। 

पहले बात करते हैं दीपक सिंह के डिजाइनर परिधानों की। दीपक ने अपनी कलेक्शन में नाइटलाइफ को थीम रखा। उनका मानना है कि आज के युवाओं के लिए दिन से ज्यादा रात अपनी होती है। दिन में तो वह दफ्तर में होते हैं लेकिन रात का समय उनका अपना होता है जिसमें वह खूब मौज-मस्ती करना चाहते हैं। इसी तर्ज पर मस्ती के मूड को ध्यान में रखते हुए उन्होंने खास फीमेल कलेक्शन निकाला। माइक्रो मिनी को छोड़ उन्होंने नीलेंथ स्कर्ट पर ज्यादा फोकस किया ताकि पहनते वक्त ज्यादा सोचना न पड़े। रंगों में उन्होंने गाढ़ा नीला, भूरा, हरा और सुर्ख लाल का इस्तेमाल खूब किया है। काले रंग का प्रयोग भी उनकी कलेक्शन में बेहतरीन लगा जिसमें हाथ से की गई हल्की एंब्रोएडरी थी । गुरविंदर के कलेक्शन को देखें तो इनकी दो थीम थीं। एक कफतान जो कि दक्षिण अरेबिया के फैब्रिक से अधिक प्रभावित थी। इसमें सिल्क और नेट का प्रयोग अधिक दिखा। दूसरा कलेक्शन मेन और वुमेन दोनों के लिए निकाला जिसमें लड़कियों के लिए मिनी स्कर्ट, केप्री, प्रिंटेड टॉप शामिल थे। वहीं लड़कों के लिए चेक शर्ट, ट्राउजर्स आदि को शामिल किया। यह पूरा फैब्रिक सिल्क में था। कफतान थीम में जहाँ गाढ़े रंगों का प्रयोग था जैसे महरून, गाढ़ा नीला और नारंगी आदि। वहीं सूती में इन्होंने सभी हल्के रंगों का इस्तेमाल किया, जैसे हलका गुलाबी, नीला, सफेद। आमतौर पर इनके कलेक्शन में सफेद रंग को बेस बनाया गया। फिर उस पर लाल या फिर नीले रंग की स्ट्राइप्स या फिर चेक का इस्तेमाल हुआ। वहीं प्रज्ञा सेमोर ने अपनी कलेक्शन में भारतीय और पश्चिमी दोनों ही पोशाकों का मेल दिखाया है। उनका पहला राउंड भारतीय परिधानों पर केंद्रित था जिनमें साड़ियों की एक से एक बेहतरीन कलेक्शन थी। खासियत यह थी कि सभी साड़ी कंट्रास्ट कलर्स में थीं, जैसे साड़ी का रंग यदि गुलाबी है तो ब्लाउज का रंग क्रीम है। इसी तरह पल्लू का रंग यदि हरा है तो चोली महरून रंग की। चोलियाँ सभी पश्चिमी टच लिए हुई थीं। कहीं हॉल्टर नेक था तो किसी नेट की साड़ी पर बनारसी बॉर्डर। वहीं नेट पर गोटा पत्ती वर्क का भी बेहतरीन मेल था। नेट के साथ जॉर्जट का मेल अनोखा था। वेस्टर्न आउटफिट में शॉर्ट स्कर्ट, नी लेंथ स्कर्ट और उस पर कलियों वाला कोट खूब जँच रहा था।



इस कलेक्शन की शुरूआती रेंज -
नाइटलाइफ थीम की रेंज शुरू है 2500 से 15 हजार रुपए के बीच।
गुरविंदर का कफतान की कीमत है 5 हजार रुपए से। 
प्रज्ञा ने भारतीय पोशाक की कीमत 35 हजार रुपए से शुरू की, वहीं पश्चिमी पोशाक 10 हजार रुपए से शुरू।








आगे और भी है........................................








दीपक 

No comments: